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लक्षित चिकित्सा (Targeted Therapy) के लिए दवाएं: उनकी भूमिका और प्रभाव

लक्षित चिकित्सा (Targeted Therapy) के लिए दवाएं: उनकी भूमिका और प्रभाव

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लक्षित चिकित्सा (Targeted Therapy) के लिए दवाएं
लक्षित चिकित्सा (Targeted Therapy) ने कैंसर और अन्य जटिल बीमारियों के उपचार में एक नई दिशा दी है। यह एक ऐसी विधि है जो विशेष रूप से रोगी की कोशिकाओं पर केंद्रित होती है, जिससे इलाज अधिक प्रभावी हो जाता है। लक्षित चिकित्सा के लिए दवाएं इन प्रक्रियाओं का अहम हिस्सा हैं। वे न केवल बीमारी को नियंत्रित करती हैं, बल्कि मरीजों के जीवन की गुणवत्ता भी सुधारती हैं। आइए जानते हैं कि ये दवाएं कैसे काम करती हैं और उनकी भूमिका क्या है।

लक्षित चिकित्सा (Targeted Therapy) क्या है?

लक्षित चिकित्सा एक ऐसी उपचार विधि है, जो विशिष्ट कोशिकाओं या जैविक प्रक्रियाओं को निशाना बनाती है। इसका मुख्य उद्देश्य बीमारी के कारणों को समझना और उन्हें लक्षित करके प्रभावी तरीके से इलाज करना है। यह पारंपरिक उपचार की तुलना में अधिक सटीक और कस्टमाइज्ड होती है, जिससे मरीज के लिए बेहतर परिणाम मिलते हैं।

लक्षित चिकित्सा (Targeted Therapy) में दवाओं की भूमिका का महत्व

लक्षित चिकित्सा में दवाओं की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये दवाएं विशेष कोशिकाओं को निशाना बनाकर कार्य करती हैं, जिससे उपचार अधिक प्रभावी और सटीक होता है। इस प्रक्रिया से रोगियों को बेहतर परिणाम मिलते हैं और साइड इफेक्ट्स भी कम होते हैं, जो जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाते हैं।

विषय-सूची

लक्षित चिकित्सा (Targeted Therapy) में उपयोग होने वाली प्रमुख दवाएं

लक्षित चिकित्सा में मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज, टायरोसिन काइनेज़ इनहिबिटर्स और इम्यूनोथेरेपी से जुड़ी दवाएं प्रमुख हैं। ये दवाएं विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाकर काम करती हैं। हर एक वर्ग की अपनी विशिष्टता है, जो उपचार के प्रभावशीलता को बढ़ाती है। इन्हें मरीज की स्थिति के अनुसार चुना जाता है।
Targeted Therapy in Hindi - टायरोसिन किनेज इनहिबिटर्स (Tyrosine Kinase Inhibitors)

टायरोसिन किनेज इनहिबिटर्स (Tyrosine Kinase Inhibitors)

टायरोसिन किनेज इनहिबिटर्स (TKIs) कैंसर कोशिकाओं के भीतर मौजूद टायरोसिन किनेज एंजाइम को रोकते हैं, जो कोशिकाओं को बढ़ने और विभाजित होने में मदद करता है। इन दवाओं का उपयोग ल्यूकेमिया, किडनी कैंसर, और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (GIST) में किया जाता है।
प्रमुख दवाएं: इमैटिनिब (Imatinib), सोराफेनीब (Sorafenib), एर्लोटिनिब (Erlotinib)
Targeted Therapy in Hindi - मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज (Monoclonal Antibodies)

मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज (Monoclonal Antibodies)

मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने में मदद करती हैं। ये एंटीबॉडीज कैंसर कोशिकाओं की सतह पर मौजूद विशेष प्रोटीन को निशाना बनाती हैं, और कैंसर का विकास रुक जाता है। जिसे अक्सर ब्रेस्ट कैंसर में इस्तेमाल किया जाता है।
प्रमुख दवाएं: ट्रास्टुजुमैब (Trastuzumab), रिटुक्सिमैब (Rituximab)
Targeted Therapy in Hindi - एंजियोजेनेसिस इनहिबिटर्स (Angiogenesis Inhibitors)

एंजियोजेनेसिस इनहिबिटर्स (Angiogenesis Inhibitors)

एंजियोजेनेसिस इनहिबिटर्स कैंसर कोशिकाओं को नई रक्त वाहिकाओं के निर्माण से रोकते हैं। रक्त वाहिकाओं के बिना, कैंसर कोशिकाओं को आवश्यक ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते, जिससे उनका विकास रुक जाता है। इसका का उपयोग कोलोरेक्टल कैंसर, लीवर कैंसर, और ओवेरियन कैंसर के इलाज में भी किया जाता है। 
प्रमुख दवाएं: बेवेसिजुमैब (Bevacizumab)
Targeted Therapy in Hindi - इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)

इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy)

इम्यूनोथेरेपी शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को कैंसर कोशिकाओं से लड़ने में सक्षम बनाती है। यह उपचार शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली को सक्रिय करके कैंसर पर हमला करता है। इम्यूनोथेरेपी का उपयोग मेलनॉमा, फेफड़ों का कैंसर, और गुर्दे के कैंसर में किया जाता है।
प्रमुख दवाएं: निवोलुमैब (Nivolumab), पेम्ब्रोलिज़ुमैब (Pembrolizumab), एक्स्कार्टी (Axicabtagene Ciloleucel)
Targeted Therapy in Hindi - BRAF इनहिबिटर्स (BRAF Inhibitors)

BRAF इनहिबिटर्स (BRAF Inhibitors)

BRAF इनहिबिटर्स उन कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करती हैं जिनमें BRAF जीन म्यूटेशन होता है। ये म्यूटेशन विशेष रूप से मेलेनोमा (त्वचा कैंसर) में पाए जाते हैं।
प्रमुख दवाएं: वेमुराफेनीब (Vemurafenib), डैब्राफेनिब (Dabrafenib)
Targeted Therapy in Hindi - mTOR इनहिबिटर्स (mTOR Inhibitors)

mTOR इनहिबिटर्स (mTOR Inhibitors)

mTOR इनहिबिटर्स कोशिका के अंदर mTOR नामक प्रोटीन को रोकते हैं, जो कोशिका के विकास, प्रोटीन निर्माण और विभाजन को नियंत्रित करता है। इनका उपयोग किडनी कैंसर और कुछ प्रकार के स्तन कैंसर के इलाज में किया जाता है।
प्रमुख दवाएं: एवरोलिमस (Everolimus), टेम्सिरोलिमस (Temsirolimus)
Targeted Therapy in Hindi - PARP इनहिबिटर्स (PARP Inhibitors)

PARP इनहिबिटर्स (PARP Inhibitors)

PARP इनहिबिटर्स डीएनए की मरम्मत में बाधा डालते हैं, जिससे कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रुक जाती है और वे मरने लगती हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से BRCA म्यूटेशन से जुड़े स्तन, अंडाशय कैंसर , और प्रोस्टेट कैंसर में किया जाता है।
प्रमुख दवाएं: ओलापारिब (Olaparib), निरापारिब (Niraparib)
Targeted Therapy in Hindi - ALK इनहिबिटर्स (ALK Inhibitors)

ALK इनहिबिटर्स (ALK Inhibitors)

ALK इनहिबिटर्स कैंसर कोशिकाओं में ALK जीन म्यूटेशन को निशाना बनाते हैं। इनका उपयोग मुख्य रूप से फेफड़े के कैंसर के कुछ प्रकारों में किया जाता है।
प्रमुख दवाएं: क्रिज़ोटिनिब (Crizotinib), एल्किटिनिब (Alectinib)
Targeted Therapy in Hindi - HER2 इनहिबिटर्स (HER2 Inhibitors)

HER2 इनहिबिटर्स (HER2 Inhibitors)

HER2 इनहिबिटर्स उन कैंसर कोशिकाओं को टारगेट करती हैं जिनमें HER2 प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है। इनका उपयोग मुख्य रूप से स्तन और पेट के कैंसर में किया जाता है।
प्रमुख दवाएं: ट्रास्टुजुमैब (Trastuzumab), पर्टुजुमैब (Pertuzumab)
Targeted Therapy in Hindi - EGFR इनहिबिटर्स (EGFR Inhibitors)

EGFR इनहिबिटर्स (EGFR Inhibitors)

EGFR इनहिबिटर्स कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि और विभाजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर रिसेप्टर (EGFR) को रोकते हैं। इनका उपयोग फेफड़े और कोलोरेक्टल कैंसर में किया जाता है।
प्रमुख दवाएं: एर्लोटिनिब (Erlotinib), गेफिटिनिब (Gefitinib)

संक्षिप्त अवलोकन

नीचे दी गई तालिका में लक्षित चिकित्सा में उपयोग की जाने वाली विभिन्न दवाओं, उनकी भूमिका और कैंसर पर उनके प्रभाव के बारे में जानकारी दी गई है।
दवा का प्रकार (Drug Type) भूमिका (Role) प्रभाव (Impact)
टायरोसिन काइनेज इनहिबिटर्स
(Tyrosine Kinase Inhibitors)
कैंसर कोशिकाओं में टायरोसिन काइनेज एंजाइम को अवरुद्ध करती हैं, जो कोशिकाओं की वृद्धि को नियंत्रित करती है। कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा या रोकती है, खासकर ल्यूकेमिया और कुछ प्रकार के फेफड़ों के कैंसर में।
मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज
(Monoclonal Antibodies)
ट्यूमर कोशिकाओं को विशेष रूप से निशाना बनाकर उनकी मृत्यु की प्रक्रिया को तेज करती हैं। ट्यूमर स्राव को सहारा से रोकने में मदद करती हैं, जैसे ब्रेस्ट कैंसर और लिम्फोमा।
एंजियोजेनेसिस इनहिबिटर्स
(Angiogenesis Inhibitors)
कैंसर कोशिकाओं के लिए रक्त वाहिकाओं के विकास को रोकती हैं, जिससे ट्यूमर का पोषण रुक जाता है। ट्यूमर के विकास और मेटास्टेसिस को रोकने में मदद करती हैं, विशेषकर कोलोरेक्टल और किडनी कैंसर में।
BRAF इनहिबिटर्स
(BRAF Inhibitors)
विशेष रूप से BRAF म्यूटेशन वाले कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने का काम करती हैं। मेटास्टेटिक मेलेनोमा और कुछ प्रकार के थायरॉइड कैंसर में कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को नियंत्रित करती हैं।
mTOR इनहिबिटर्स
(mTOR Inhibitors)
कोशिकाओं की वृद्धि और विभाजन की प्रक्रिया को नियंत्रित करती हैं। कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करती हैं, खासकर किडनी और कुछ प्रकार के ब्रेन कैंसर में।
PARP इनहिबिटर्स
(PARP Inhibitors)
डीएनए मरम्मत प्रक्रिया को अवरुद्ध करती हैं, कैंसर कोशिकाओं की मृत्यु को तेज करती हैं। ओवेरियन और ब्रेस्ट कैंसर में प्रभावी, खासकर जिनमें BRCA म्यूटेशन हो।
ALK इनहिबिटर्स
(ALK Inhibitors)
ALK जीन म्यूटेशन वाले कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को अवरुद्ध करती हैं। मुख्य रूप से फेफड़ों के कैंसर में उपयोगी, खासकर ALK पॉजिटिव कैंसर में।
HER2 इनहिबिटर्स
(HER2 Inhibitors)
HER2 पॉजिटिव कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को धीमा करती हैं, जो तेजी से विभाजित होती हैं। ब्रेस्ट कैंसर के साथ-साथ गैस्ट्रिक कैंसर में प्रभावी।
EGFR इनहिबिटर्स
(EGFR Inhibitors)
कोशिकाओं के विभाजन में शामिल EGFR प्रोटीन को अवरुद्ध करती हैं। मुख्य रूप से स्किन कैंसर और हेड-एंड-नेक कैंसर में प्रभावी।

दवाओं का प्रभाव: कैसे मदद करती हैं?

कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकना

लक्षित चिकित्सा के दवाएं कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि को रोकने में बेहद प्रभावी होती हैं। ये दवाएं विशेष रूप से उन कोशिकाओं को निशाना बनाती हैं जो तेजी से बढ़ रही होती हैं। इससे स्वस्थ कोशिकाएं सुरक्षित रहती हैं और मरीजों को सही उपचार मिलता है, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार होता है।

कम साइड इफेक्ट्स के साथ सटीक उपचार

लक्षित चिकित्सा के तहत दवाएं सामान्य उपचार की तुलना में अधिक सटीक होती हैं। ये विशेष रूप से कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाकर काम करती हैं। इसके परिणामस्वरूप, मरीजों को कम साइड इफेक्ट्स का सामना करना पड़ता है, जिससे उनकी जीवन गुणवत्ता में सुधार होता है और उपचार प्रक्रिया सरल हो जाती है।

मरीज की जीवनशैली में सुधार

लक्षित चिकित्सा के माध्यम से मरीज की जीवनशैली में सुधार संभव है। दवाओं का सही उपयोग न केवल बीमारी के लक्षणों को कम करता है, बल्कि दिनचर्या में भी सकारात्मक बदलाव लाता है। स्वस्थ खानपान, नियमित व्यायाम और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देकर मरीज बेहतर तरीके से अपनी जिंदगी जी सकते हैं।

दवाओं के संभावित साइड इफेक्ट्स

लक्षित चिकित्सा की दवाओं के हल्के साइड इफेक्ट्स में थकान, मत nausea और त्वचा पर चकत्ते शामिल हो सकते हैं। गंभीर साइड इफेक्ट्स जैसे संक्रमण, रक्तचाप में बदलाव या गंभीर एलर्जिक प्रतिक्रिया भी संभव हैं। मरीजों को इन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि उचित सलाह मिल सके।

साइड इफेक्ट्स से निपटने के तरीके

साइड इफेक्ट्स से निपटने के लिए नियमित रूप से डॉक्टर की सलाह लें। पर्याप्त पानी पीना, संतुलित आहार लेना और शारीरिक गतिविधि बनाए रखना भी मददगार होता है। मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखें, योग या ध्यान करने से राहत मिल सकती है।

निष्कर्ष

लक्षित चिकित्सा के लिए दवाएं कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। सही जानकारी और विशेषज्ञ की सलाह से इन दवाओं का उपयोग प्रभावी हो सकता है। मरीजों को उपचार प्रक्रिया में सक्रिय भागीदारी करनी चाहिए ताकि उनकी जीवन गुणवत्ता बेहतर हो सके। यह एक नई उम्मीद जगाता है।

डॉक्टर से परामर्श का महत्व

दवाओं की खुराक और समय का सही ध्यान रखना बेहद जरूरी है। किसी भी समस्या या साइड इफेक्ट्स के अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। विशेषज्ञ सलाह से न केवल उपचार प्रभावी होता है, बल्कि मरीज की मानसिक स्थिति भी बेहतर रहती है। उचित मार्गदर्शन हमेशा आवश्यक होता है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

लक्षित चिकित्सा एक विशेष प्रकार की कैंसर चिकित्सा है जो कैंसर कोशिकाओं की विशिष्ट विशेषताओं को लक्षित करती है। इसका उद्देश्य कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने और फैलने से रोकना है।
लक्षित चिकित्सा के दो मुख्य प्रकार हैं: मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज और स्मॉल मॉलिक्यूल ड्रग्स। ये दोनों प्रकार कैंसर कोशिकाओं की विशिष्ट जैविक प्रक्रियाओं को बाधित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं।
लक्षित चिकित्सा कैंसर कोशिकाओं के भीतर पाए जाने वाले विशिष्ट प्रोटीन, जीन या अन्य आणविक लक्ष्यों को बाधित करती है, जिससे उनकी वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है।
लक्षित चिकित्सा में कई प्रकार की दवाएं दी जा सकती हैं जैसे मोनोक्लोनल एंटीबॉडीज, टाइरोसिन किनेज इनहिबिटर और इम्यूनोथेरपी ड्रग्स, जो कैंसर कोशिकाओं को प्रभावी रूप से लक्षित करती हैं।
लक्षित चिकित्सा कीमोथेरेपी से बेहतर हो सकती है क्योंकि यह कैंसर कोशिकाओं की विशिष्ट कमजोरियों पर हमला करती है और सामान्य कोशिकाओं को कम नुकसान पहुंचाती है, जबकि कीमोथेरेपी सामान्य कोशिकाओं को भी प्रभावित करती है।
लक्षित चिकित्सा में सामान्य रूप से उपयोग की जाने वाली दवाओं में ट्रास्टुज़ुमैब, इमाटिनिब, और बीवाकिज़ुमैब जैसी दवाएं शामिल हैं, जो विभिन्न प्रकार के कैंसर के इलाज के लिए उपयोग होती हैं।
लक्षित चिकित्सा की दवाएं कैंसर की वृद्धि को नियंत्रित करने में मदद करती हैं, लेकिन वे हमेशा स्थायी इलाज नहीं होतीं। कैंसर की स्थिति और प्रकार के आधार पर परिणाम भिन्न हो सकते हैं।
लक्षित चिकित्सा की दवाएं आमतौर पर मौखिक गोलियों के रूप में या इन्फ्यूजन के रूप में दी जाती हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन सी दवा दी जा रही है और किस प्रकार का कैंसर इलाज किया जा रहा है।
लक्षित चिकित्सा की दवाओं के दुष्प्रभावों में थकान, त्वचा में बदलाव, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव और लिवर एंजाइम में वृद्धि शामिल हो सकती है। हर दवा के दुष्प्रभाव भिन्न होते हैं।
लक्षित चिकित्सा के दौरान डॉक्टर नियमित रूप से रक्त परीक्षण, स्कैन और अन्य जांच करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि दवाएं प्रभावी हैं और साइड इफेक्ट्स को नियंत्रित किया जा रहा है।
Dr Harsh Shah Robotic Cancer Surgeon

डॉ हर्ष शाह

MS, MCh (G I cancer Surgeon)

डॉ. हर्ष शाह अहमदाबाद के एक प्रसिद्ध जीआई और एचपीबी रोबोटिक कैंसर सर्जन हैं। वे भोजन नली, पेट, लीवर, पैंक्रियास, बड़ी आंत, मलाशय और छोटी आंत के कैंसर का इलाज करते हैं। वे अपोलो अस्पताल में उपलब्ध हैं।

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