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पित्ताशय का कैंसर

किसे अधिक खतरा है और क्या करें?

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क्या आपको पित्ताशय (Gallbladder) के आसपास बार-बार दर्द होता है या अपच की समस्या रहती है? यह आम समस्या लग सकती है, लेकिन यह पित्ताशय के कैंसर (Gallbladder Cancer) के शुरुआती संकेत हो सकते हैं।
 
भारत में पित्ताशय के कैंसर के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, और यह रोग अक्सर शुरुआती चरण में पहचान से छूट जाता है। इस ब्लॉग में, हम पित्ताशय के कैंसर के लक्षण, कारण और उपचार की जानकारी आसान भाषा में जानेंगे। पूरा ब्लॉग पढ़ना आपके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण समझ प्रदान करेगा!

सारांश

पित्ताशय का कैंसर एक दुर्लभ लेकिन गंभीर बीमारी है, जो आमतौर पर शुरुआती चरण में पहचानी नहीं जाती। पित्ताशय के कार्य में परिवर्तन के कारण पाचन तंत्र पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। यदि लक्षणों को जल्दी पहचाना जा सके, तो उचित उपचार से जीवन बचाया जा सकता है। समय पर निदान और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना ही बचाव का सबसे अच्छा उपाय है।
गुटखा, धूम्रपान, अधिक वसायुक्त भोजन और अनियमित जीवनशैली पित्ताशय के कैंसर के मुख्य कारण हैं। लंबे समय तक पित्ताशय की पथरी, हेपेटाइटिस या पित्ताशय की लगातार सूजन भी कैंसर का खतरा बढ़ा सकती है।
उल्टी, मुँह में कड़वा स्वाद, पीलिया, पाचन समस्या, वजन घटाना और पेट के दाहिने हिस्से में लगातार दर्द कैंसर के मुख्य लक्षण हैं। शुरुआती चरण में लक्षण सामान्य लगते हैं, लेकिन धीरे-धीरे गंभीर रूप धारण कर सकते हैं।
अल्ट्रासाउंड, CT स्कैन, MRI और बायोप्सी जैसी जांचों से पित्ताशय के कैंसर का सटीक निदान हो सकता है। रक्त के विशेष परीक्षण और ट्यूमर मार्कर्स द्वारा भी कैंसर का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है।
पित्ताशय का कैंसर

तथ्य (Facts)

और जानें (Know More)

लक्षण (Symptoms)

कारण (Causes)

निदान (Diagnosis)

उपचार (Treatments)

उपचार विकल्प और परिणाम तालिका

पित्ताशय के कैंसर के लिए विभिन्न प्रकार के उपचार उपलब्ध हैं, जो कैंसर के चरण और मरीज की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करते हैं। विशेषज्ञ डॉक्टर मरीज के लिए सबसे अच्छा विकल्प चुनते हैं। नीचे की तालिका में विभिन्न उपचार विकल्प, उनके संकेत, सामान्य दुष्प्रभाव और अपेक्षित परिणाम दिखाए गए हैं।
उपचार संकेत सामान्य दुष्प्रभाव अपेक्षित परिणाम
सर्जरी यदि कैंसर शुरुआती चरण में हो और पित्ताशय को हटाना संभव हो दर्द, पाचन समस्या, अस्थायी वजन घटाना कैंसरग्रस्त भाग हटाकर रोग नियंत्रण
कीमोथेरेपी कैंसर अधिक फैला हो या सर्जरी के बाद के उपचार के लिए उल्टी, बाल झड़ना, शारीरिक थकान कैंसर की वृद्धि में अवरोध लाना
रेडियेशन थेरेपी ट्यूमर को छोटा करना या सर्जरी के बाद बढ़ते कैंसर का नियंत्रण त्वचा पर लालिमा, थकान, संक्रमण की संभावना ट्यूमर की वृद्धि रोकना या छोटा करना
टारगेटेड थेरेपी यदि कैंसर विशेष अणु पर आधारित होकर बढ़ता हो एलर्जी प्रतिक्रिया, त्वचा समस्या कैंसर की विशेष कोशिकाओं को निशाना बनाकर नष्ट करना
इम्यूनोथेरेपी यदि कैंसर रोगप्रतिरोधक तंत्र को नजरअंदाज कर तेजी से फैले बुखार, थकान, सांस की समस्या शरीर के प्रतिकारक तंत्र से कैंसर के खिलाफ लड़ना
एंडोस्कोपिक उपचार ट्यूमर को हटाने के लिए कम आक्रामक पद्धति रक्तस्राव, गले या पेट में थोड़ी असहजता ट्यूमर हटाना और पाचन सुधारना
लेजर थेरेपी यदि कैंसर अवरोध उत्पन्न करे और खाने-पीने में कठिनाई हो तत्काल सूजन, हल्की असहजता ट्यूमर हटाकर पित्ताशय का कार्य सुधारना
पल्लिएटिव केयर कैंसर आगे बढ़ गया हो और उपचार संभव न हो दर्द नियंत्रण, थकान कम करने की दवाएं मरीज को आराम और मानसिक शांति प्रदान करना
आहार प्रबंधन पाचन संबंधी समस्या कम करने और शरीर की शक्ति बनाए रखने के लिए पाचन समस्याएं, कम भूख पौष्टिक भोजन द्वारा शरीर का स्वास्थ्य सुधारना
क्लिनिकल ट्रायल्स यदि रोग पर उन्नत उपचार के विकल्प उपलब्ध हों अज्ञात दुष्प्रभाव, संभावित फायदे-नुकसान नवीन तकनीक से सफलता प्राप्त करने की संभावना

अपने डॉक्टर से पूछने के लिए प्रश्न

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों

पित्ताशय का कैंसर पित्ताशय के अंदर असामान्य कोशिकाओं की वृद्धि से होने वाला गंभीर रोग है। यह पाचन प्रक्रिया पर असर करता है और प्रारंभिक चरण में लक्षण कम दिखने के कारण देर से पहचाना जाता है।
लंबे समय की पित्ताशय की पथरी, वसायुक्त भोजन, धूम्रपान, शराब और जिनके परिवार में यह रोग है उन्हें पित्ताशय के कैंसर का जोखिम अधिक होता है।
प्रारंभिक चरण में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते, लेकिन भूख कम होना, वजन घटाना, पीलिया, पेट के दाहिने हिस्से में दर्द और अपच दिखते हैं।
अल्ट्रासाउंड, CT स्कैन, MRI, PET स्कैन और रक्त के परीक्षणों द्वारा इस रोग का निदान होता है। सटीक पुष्टि के लिए बायोप्सी की जाती है।
यदि कैंसर शुरुआती चरण में हो तो सर्जरी सबसे अच्छा विकल्प है। यदि कैंसर फैल गया हो तो कीमोथेरेपी, रेडियेशन और टारगेटेड थेरेपी उपयोगी हो सकती है।
यदि कैंसर जल्दी चरण में खोजा जाए और उचित उपचार मिले, तो ठीक होने की संभावना अधिक होती है। देर से खोजा जाए तो नियंत्रण संभव है, लेकिन पूरी तरह से ठीक होना मुश्किल हो सकता है।
वसायुक्त और प्रसंस्कृत भोजन कम करना, धूम्रपान और शराब से दूर रहना, पथरी का समय पर उपचार करना, और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना सबसे अच्छी सावधानियाँ हैं।
बहुत कम मामलों में, यदि कैंसर की कोशिकाएँ अन्य अंगों में रह गई हों तो सर्जरी के बाद भी कैंसर हो सकता है। इसके लिए डॉक्टर की सलाह अनुसार नियमित जांच जरूरी है।
कम वसायुक्त भोजन, फल, सब्जियाँ और पाचन के लिए हल्के खाद्य पदार्थ लेना। अधिक मसालेदार और तला हुआ भोजन टालना।

हाँ, यदि परिवार में किसी को पित्ताशय या हेपेटोबिलियरी कैंसर हुआ हो, तो उस व्यक्ति को पित्ताशय के कैंसर का जोखिम अधिक हो सकता है।

Dr Harsh Shah Robotic Cancer Surgeon

डॉ हर्ष शाह

MS, MCh (G I cancer Surgeon)

डॉ. हर्ष शाह अहमदाबाद के एक प्रसिद्ध जीआई और एचपीबी रोबोटिक कैंसर सर्जन हैं। वे भोजन नली, पेट, लीवर, पैंक्रियास, बड़ी आंत, मलाशय और छोटी आंत के कैंसर का इलाज करते हैं। वे अपोलो अस्पताल में उपलब्ध हैं।

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