
कैंसर एक ऐसा शब्द है जो डर और अनिश्चितता को जन्म दे सकता है। यह एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में हम सबने सुना है, लेकिन इसके जटिल स्वरूप को कम ही लोग समझते हैं। यह रोग किसी भी उम्र, लिंग या पृष्ठभूमि के व्यक्ति को प्रभावित कर सकता है।
लेकिन क्या हो अगर हम आपको बताएं कि कैंसर कैसे शुरू होता है, यह समझकर आप इसकी शुरुआती पहचान कर सकते हैं? जानकारी ही आपकी सबसे बड़ी रक्षा हो सकती है। इस लेख में, हम कर्करोग (कैंसर) के विकास की मूल बातें, शुरुआती पहचान के महत्व और ऐसे कदमों के बारे में चर्चा करेंगे जो आपके स्वास्थ्य को सुरक्षित रखने में मदद कर सकते हैं।
कर्करोग (कैंसर) कैसे शुरू होता है?
- सूक्ष्म स्तर पर शुरुआत:
- ट्यूमर का निर्माण:
⦿ सौम्य (Benign) ट्यूमर: यह अन्य ऊतकों पर आक्रमण नहीं करते और शरीर में नहीं फैलते
⦿ घातक (Malignant) ट्यूमर: ये शरीर के अन्य भागों में फैल सकते हैं और खतरनाक होते हैं।
- प्रमुख कारण:
⦿ पर्यावरणीय प्रभाव (रेडिएशन, रसायन)
⦿ जीवनशैली (धूम्रपान, शराब का अधिक सेवन)
⦿ कुछ वायरल संक्रमण (जैसे HPV और हेपेटाइटिस)

कर्करोग (कैंसर) के सामान्य कारण

आनुवंशिक परिवर्तन (Genetic Mutations):
कैंसरकारी तत्वों (Carcinogens) के संपर्क में आना:
⦿ तंबाकू और सिगरेट का धुआं
⦿ हानिकारक रसायन
⦿ रेडिएशन
संक्रमण से जुड़ा कैंसर:
⦿ एचपीवी (HPV): गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर से जुड़ा है।
⦿ हेपेटाइटिस बी और सी: लिवर कैंसर से संबंधित हैं।
जीवनशैली और खान-पान:
⦿ अस्वस्थ आहार: प्रोसेस्ड फूड और रेड मीट अधिक खाना।
⦿ अधिक शराब का सेवन: कई प्रकार के कैंसर का खतरा बढ़ाता है।
कर्करोग (कैंसर) का शीघ्र पता लगाना क्यों महत्वपूर्ण है?
- प्रारंभिक पहचान का महत्व
- जीवन प्रत्याशा दर
- कम आक्रामक उपचार
- लक्षणों की पहचान
- बेहतर जीवन गुणवत्ता
कर्करोग (कैंसर) के लक्षण और संकेत

- शरीर या रूप-रंग में बदलाव
⦿ बिना किसी कारण वजन घटना।
⦿ असामान्य गांठ या सूजन।
⦿ त्वचा की बनावट या रंग में बदलाव।
- लगातार थकान
- अज्ञात दर्द या असहजता
- मल-मूत्र की आदतों में बदलाव
कर्करोग (कैंसर) की जांच और स्क्रीनिंग
- स्क्रीनिंग टेस्ट का महत्व
- स्क्रीनिंग के प्रकार
⦿ मैमोग्राफी: स्तन कैंसर की पहचान के लिए।
⦿ कोलोनोस्कोपी: कोलोरेक्टल समस्याओं का पता लगाने के लिए।
⦿ पैप स्मीयर: गर्भाशय ग्रीवा (सर्वाइकल) कैंसर की जांच के लिए।
प्रत्येक परीक्षण की सिफारिश आयु और जोखिम कारकों के आधार पर की जाती है।
- अनुशंसित समयावधि का पालन करें
- व्यक्तिगत स्वास्थ्य इतिहास का महत्व
कैंसर प्रकार | अनुशंसित स्क्रीनिंग आवृति | स्क्रीनिंग शुरू करने की आयु | नोट्स |
---|---|---|---|
स्तन कैंसर | हर 2 वर्ष में | 40 वर्ष और अधिक | उच्च जोखिम वाले महिलाओं को पहले स्क्रीनिंग की आवश्यकता हो सकती है। |
गर्भाशय ग्रीवा कैंसर | हर 3 वर्ष में (Pap परीक्षण), या हर 5 वर्ष में (HPV परीक्षण) | 21 वर्ष और अधिक | स्क्रीनिंग 65 वर्ष की आयु तक जारी रखी जा सकती है। |
कोलोरेक्टल कैंसर | हर 10 वर्ष में (कोलोनोस्कोपी) | 45 वर्ष और अधिक | परिवारिक इतिहास वाले व्यक्तियों को पहले स्क्रीनिंग की आवश्यकता हो सकती है। |
फेफड़े का कैंसर | प्रत्येक वर्ष | 55-80 वर्ष | भारी धूम्रपान करने वालों या धूम्रपान का इतिहास रखने वालों के लिए। |
प्रोस्टेट कैंसर | प्रत्येक वर्ष (PSA परीक्षण) | 50 वर्ष और अधिक | उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों (जैसे, अफ्रीकी अमेरिकन) को पहले स्क्रीनिंग की आवश्यकता हो सकती है। |
त्वचा कैंसर | डॉक्टर की अनुशंसा अनुसार (मासिक आत्म-परीक्षण) | सभी आयु वर्ग | नियमित आत्म-परीक्षण और त्वचाविज्ञान जांच की सिफारिश की जाती है। |
अंडाशय का कैंसर | कोई मानक स्क्रीनिंग विधि नहीं है | 50 वर्ष और अधिक | उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए आनुवंशिक परीक्षण की सिफारिश की जा सकती है। |
उपलब्ध परीक्षणों के प्रकार

- इमेजिंग टेस्ट
- रक्त परीक्षण
⦿ कुछ विशेष मार्कर्स रक्त में मौजूद हो सकते हैं, जो कैंसर या पूर्व-कैंसर स्थितियों का संकेत दे सकते हैं।
⦿ नियमित रूप से इन स्तरों की जाँच करवाने से स्वास्थ्य की स्थिति का बहुमूल्य डेटा प्राप्त किया जा सकता है।
- बायोप्सी
⦿ इसमें एक छोटे ऊतक (टिशू) नमूने को निकाला जाता है और माइक्रोस्कोप के नीचे उसकी जांच की जाती है ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि उसमें कैंसर कोशिकाएँ हैं या नहीं।
- आनुवंशिक परीक्षण
⦿ आनुवंशिक प्रवृत्तियों (genetic predispositions) की पहचान करने से रोकथाम के लिए अग्रिम कदम उठाए जा सकते हैं, जिससे बीमारी के विकसित होने की संभावना को कम किया जा सकता है।
कर्करोग (कैंसर) जांच के लिए सही समय
- मैमोग्राफी (स्तन कैंसर जांच)
- कोलोरेक्टल स्क्रीनिंग (आंत्र कैंसर जांच)
⦿ 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र के पुरुष और महिलाओं को हर 10 साल में एक बार कोलोरेक्टल स्क्रीनिंग करवानी चाहिए।
⦿ यदि पारिवारिक इतिहास में आंत्र कैंसर रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह के अनुसार पहले शुरू करना आवश्यक हो सकता है।
- सर्वाइकल कैंसर स्क्रीनिंग
⦿ महिलाओं को 21 वर्ष की उम्र से सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग शुरू करनी चाहिए।
⦿ 29 वर्ष तक हर 3 साल में एक बार पैप स्मीयर टेस्ट करवाना आवश्यक है।
- प्रोस्टेट कैंसर स्क्रीनिंग
⦿ पुरुषों को 50 वर्ष की उम्र के बाद प्रोस्टेट कैंसर की जांच के बारे में अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
⦿ जिन पुरुषों में जोखिम अधिक है (जैसे पारिवारिक इतिहास), उन्हें जल्दी जांच शुरू करने की सलाह दी जा सकती है।
कर्करोग (कैंसर) से बचाव के उपाय

- स्वस्थ आहार
- नियमित व्यायाम
- धूम्रपान छोड़ें और शराब का सेवन सीमित करें
- पर्याप्त नींद और आराम
- मानसिक स्वास्थ्य और ध्यान
नियमित स्वास्थ्य जांच और डॉक्टर के पास जाने का महत्व
- नियमित जांच से प्रारंभिक पहचान
- डॉक्टर से संवाद करें
- स्वस्थ महसूस करने पर भी जाँच आवश्यक है
- समग्र स्वास्थ्य और रोकथाम देखभाल
- स्वास्थ्य जानकारी प्राप्त करें और इसे प्राथमिकता दें
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
⦿ बिना कारण वजन घटना
⦿ लगातार थकान
⦿ असामान्य गांठ या सूजन
⦿ त्वचा में बदलाव
⦿ लंबे समय तक खांसी बने रहना
कुछ कैंसर आनुवंशिक हो सकते हैं और परिवार में पीढ़ियों तक आ सकते हैं। हालांकि, अधिकांश कैंसर जीवनशैली और पर्यावरणीय कारकों के कारण विकसित होते हैं।
सभी कैंसर को पूरी तरह से रोका नहीं जा सकता, लेकिन स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, तंबाकू और शराब से बचने, संतुलित आहार लेने और नियमित स्वास्थ्य जांच कराने से कैंसर का खतरा कम किया जा सकता है।
⦿ बायोप्सी (कोशिकाओं की जांच)
⦿ रक्त परीक्षण (विशेष मार्कर की पहचान)
⦿ इमेजिंग स्कैन (CT, MRI, X-ray)
⦿ आनुवंशिक परीक्षण (यदि परिवार में कैंसर का इतिहास हो)
यदि कैंसर की जल्दी पहचान हो जाए, तो इसे प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है। सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन और इम्यूनोथेरेपी जैसे उपचार कैंसर को समाप्त करने या उसके प्रभाव को कम करने में मदद कर सकते हैं।
तनाव सीधे कैंसर का कारण नहीं बनता, लेकिन दीर्घकालिक तनाव (chronic stress) प्रतिरक्षा प्रणाली को कमजोर कर सकता है और अस्वस्थ आदतों को जन्म दे सकता है, जिससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।
⦿ प्रोसेस्ड मीट और डीप फ्राइड फूड
⦿ अत्यधिक चीनी और शराब का सेवन
⦿ अत्यधिक वसा युक्त आहार
⦿ 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को हर साल मैमोग्राफी करवानी चाहिए
⦿ 45 वर्ष की उम्र के बाद कोलोरेक्टल स्क्रीनिंग आवश्यक होती है।
⦿ स्क्रीनिंग की आवृत्ति आपकी उम्र, लिंग और जोखिम कारकों पर निर्भर करती है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
नहीं, कैंसर संक्रामक (contagious) नहीं होता। यह स्पर्श, हवा या शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे में नहीं फैलता।

डॉ हर्ष शाह
MS, MCh (GI cancer Surgeon)
डॉ. हर्ष शाह अहमदाबाद के एक प्रसिद्ध जीआई और एचपीबी रोबोटिक कैंसर सर्जन हैं। वे भोजन नली, पेट, लीवर, पैंक्रियास, बड़ी आंत, मलाशय और छोटी आंत के कैंसर का इलाज करते हैं। वे अपोलो अस्पताल में उपलब्ध हैं।